पितृ पक्ष में महिलाओं को भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम

भारत एक ऐसा देश है जहां धर्म , परंपरा  और अनुष्ठान जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर पर्व और हर व्रत के पीछे कोई न कोई गहरी आध्यात्मिक भावना जुड़ी रहती है। पितृपक्ष में एक है पितृ पक्ष।

इस समय को श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस अवधि में हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने कुलों को आशीर्वाद देते हैं। लोग श्राद्ध , पिंडदान  और तर्पण जैसे अनुष्ठान करते हैं।

लेकिन खासतौर पर महिलाओं के लिए बताए गए कुछ नियम  और सावधानियां जिन्हें तोड़ना भी भूल जाना नहीं चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यदि स्त्री दोष करती है तो परिवार में पितृ दोष  लग सकता है।

पितृपक्ष में क्या करें और क्या न करें

पितृपक्ष में हर इंसान को कुछ खास कर्तव्य (Duty) निभाना जरूरी है। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि जो सही कर्म करता है उसे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

क्या करें:

  • रोज सुबह स्नान करके तर्पण करें।

  • ब्राह्मण और गरीबों को भोजन कराएं।

  • श्राद्ध और पिंडदान  श्रद्धा से करें।

  • घर में पूजा  करें और नियमों का पालन करें।

  • किसी दिवस पर गरीबों को वस्त्र और भोजन दान करें।

क्या न करें:

  • विवाह या अन्य शुभ कार्य शुरू न करें।

  • माँसाहार, शराब या नशा का सेवन न करें।

  • झगड़ा, कटु वचन और दूसरों का अपमान न करें।

  • आलस्य करके श्राद्ध पक्ष  के कर्मों को टालें नहीं।

पितृपक्ष 2025 में श्राद्ध के नियम

नीचे दी गई सारणी (Table) में वर्ष 2025 के पितृपक्ष की तिथियां और विशेष महत्व बताया गया है।

वर्ष शुरू तिथि समाप्ति तिथि खास महत्व
2024 18 सितम्बर 2 अक्टूबर पूर्वजों की आत्मा शांति हेतु श्रेष्ठ
2025 7 सितम्बर 21 सितम्बर पितृ दोष मुक्ति और आशीर्वाद पाने का अवसर

इन तिथियों के बीच श्राद्ध , तर्पण  और पिंडदान  करने से परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है।

महिलाएं पितृपक्ष में क्या न करें

पितृपक्ष के दौरान महिलाओं के लिए खास नियम  बताए गए है। कहा जाता है कि इन नियमों का पालन करना हर महिला का कर्तव्य  है।

  • श्राद्ध पक्ष में वर्जित काम: स्त्रियों को इस दौरान झूठ बोलना, झगड़ा करना और अपवित्र रहना मना है।

  • पितृपक्ष में किसी भी तरह की निंदा या कटु वचन नहीं बोलना चाहिए।

  • इस दौरान नई वस्तुएं जैसे कपड़े, गहने आदि खरीदने से बचना चाहिए।

पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

महिलाओं को पितरों को खुश करने के लिए कुछ आसान उपाय  भी करने चाहिए।

  • तुलसी के पौधे के पास रोज दीपक जलाएं।

  • रोज सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करें।

  • अपने पूर्वजों  के नाम पर अनाज और वस्त्र दान करें।

  • किसी दिवस पर गरीब बच्चों को भोजन कराएं।

श्राद्ध पक्ष में किन बातों का ध्यान रखें

स्त्रियों को खासकर श्राद्ध  के दौरान इन बातों को ध्यान रखना जरूरी है:

  • स्वच्छता बनाए रखना।

  • समय पर भोजन और तर्पण करना।

  • व्रत  में संयम और सात्विक आहार अपनाना।

  • पंडित  की बताई विधि से अनुष्ठान करना।

पितृपक्ष में किन चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए

पितृपक्ष में कुछ चीजों की खरीदारी अशुभ मानी जाती है। इनमें शामिल है:

  • नए कपड़े

  • गहने

  • वाहन

  • प्रॉपर्टी

कहा जाता है कि इन वस्तुओं की खरीद से पितृ दोष (Pitru Dosh) का असर बढ़ सकता है।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के उपाय

अगर किसी परिवार में पितृ दोष  है तो उसके लिए महिलाओं को भी कुछ उपाय करने चाहिए।

  • अमावस्या के दिन तर्पण  करें।

  • रोज सूर्य देव को जल अर्पित करें।

  • ब्राह्मण और पंडित को भोजन कराएं।

  • पिंडदान कराएं।

पितृपक्ष में स्त्रियों के लिए नियम

महिलाओं को पितृपक्ष में पालन करने वाले मुख्य नियम (Rules):

  • सात्विक भोजन करें।

  • रोज स्नान और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • घर में साफ-सफाई बनाए रखें।

  • श्राद्ध पक्ष  के दिन आलस न करें।

पितरों की आत्मा की शांति के लिए क्या करें

महिलाओं को पूर्वजों  की आत्मा शांति के लिए ये कदम उठाने चाहिए:

  • रोज दीपक जलाना।

  • तुलसी पर जल चढ़ाना।

  • अनाथ बच्चों को वस्त्र देना।

  • जरूरतमंदों की सेवा करना।

पितृपक्ष के दौरान किन वस्तुओं का दान करना चाहिए

बुलेट पॉइंट्स में गहराई से समझते है कि कौन सी चीजें दान करना शुभ है:

  • अन्न दान – अनाज दान करने से घर में कभी भोजन की कमी नहीं होती।

  • वस्त्र दान – गरीबों को कपड़े दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

  • धन और दक्षिणा – पंडित और जरूरतमंदों को धन देने से दरिद्रता दूर होती है।

  • दीपक और धूप – धार्मिक दृष्टि से दीपक और धूप दान करने से आत्माओं को शांति मिलती है।

पितृपक्ष में कौन से काम शुभ नहीं होते

  • विवाह या नया व्यवसाय शुरू करना।

  • नया मकान लेना।

  • मांसाहार और नशा करना।

  • दूसरों का अपमान करना।

श्राद्ध पक्ष के दौरान वर्जित काम

  • झूठ बोलना।

  • पवित्रता की अनदेखी करना।

  • पूजा-पाठ को अनदेखा करना।

  • नियमों (Rules) की अनदेखी करना।

पितृपक्ष में पूर्वजों को खुश करने के तरीके

  • श्राद्ध  और पिंडदान  करना।

  • ब्राह्मणों को भोजन कराना।

  • हर दिन गंगाजल से तर्पण करना।

  • धार्मिक अनुष्ठान और पूजा  करना।

पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान का महत्व

तर्पण : इसमें जल, तिल और कुश से पितरों को जल अर्पित किया जाता है।
पिंडदान : इसमें चावल, तिल और जौ से बने पिंड अर्पित किए जाते हैं।

दोनों ही कर्म पितरों की आत्मा को शांति और वंशजों को आशीर्वाद देते है।

पितृपक्ष के दौरान धार्मिक नियम और परंपराएं

  • हर कार्य श्रद्धा से करना।

  • ब्राह्मणों और गरीबों की सेवा करना।

  • पवित्रता और संयम बनाए रखना।

  • परिवार के सभी सदस्य अपने कर्तव्य  निभाएं।

निष्कर्ष

पितृपक्ष  एक ऐसा समय है जब हर महिला को अपने कर्तव्य  और नियम  का पालन करना चाहिए। इस दौरान अगर स्त्रियाँ सतर्क रहें और गलतियों से बचें, तो परिवार पर कभी पितृ दोष  का असर नहीं होगा।

श्राद्ध पक्ष  में स्त्रियों का योगदान बेहद अहम है क्योंकि वही घर की परंपराओं और पूजा (Puja) को आगे बढ़ाती है। सही नियमों और उपाय (Remedies) को अपनाकर महिलाएं पितरों की आत्मा को शांति दिला सकती है और परिवार को आशीर्वाद (Blessings) प्राप्त हो सकता है।