चार शुभ योग बना रहे हैं हरतालिका तीज को खास – जानें पारण का मुहूर्त!

हरतालिका तीज भारत के प्रमुख व्रत और त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से महिलाओं द्वारा श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व हर सावन वर्ष या भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अद्वितीय स्वर के लिए व्रत रखती हैं, जबकि ब्रह्मचारी कन्याएं वर की प्राप्ति की कामना से इस व्रत का पालन करती हैं।

इस बार तीज महोत्सव का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि 2025 में इस पर्व में चार शुभ योगों के साथ मनाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि इस साल व्रत और पूजा का विशेष फल मिलेगा।

हरतालिका तीज 2025 कब है

Teej Date की जानकारी सबसे पहले जरूरी है क्योंकि व्रत का संकल्प और पूजा का समय इसी पर निर्भर करता है। इस साल Hartalika Teej 2025 का व्रत 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को रखा जाएगा। तृतीया तिथि का प्रारंभ 25 अगस्त की रात 09:15 बजे से होगा और यह 26 अगस्त को रात 11:10 बजे तक रहेगी।

Teej Muhurat की जानकारी भी उतनी ही आवश्यक है क्योंकि सही समय पर पूजा करना शास्त्रों में बहुत महत्व रखता है।

महत्वपूर्ण समय-सारिणी | व्रत समय

अवसर समय/तिथि
तृतीया तिथि प्रारंभ 25 अगस्त 2025, रात 09:15 बजे
तृतीया तिथि समाप्त 26 अगस्त 2025, रात 11:10 बजे
पूजा मुहूर्त सुबह 06:15 से 08:45 बजे
व्रत पारण समय 27 अगस्त 2025, सुबह सूर्योदय के बाद

इस बार व्रत का पारण अगले दिन यानी 27 अगस्त को सूर्योदय के बाद किया जाएगा। पारण के समय भगवान शिव-पार्वती को भोग लगाना और जल ग्रहण करना जरूरी है।

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त 2025

इस बार का व्रत खास इसलिए है क्योंकि इस दिन चार प्रमुख शुभ योग बन रहे हैं। ये योग शास्त्रों में बहुत शुभ माने जाते हैं और इनके प्रभाव से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।

चार शुभ योग इस प्रकार हैं:

  • सर्वार्थ सिद्धि योग
  • सिद्धि योग
  • शोभन योग
  • सुकर्मा योग

इन योगों में किया गया Teej Vrat और पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। यह माना जाता है कि इस दिन किया गया व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है और सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

हरतालिका तीज 2025 योग और मुहूर्त

  • सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन रहेगा।
  • शोभन योग: सुबह 06:15 से शुरू होगा।
  • सुकर्मा योग: दिनभर रहेगा।

इन योगों का लाभ उठाने के लिए महिलाओं को Teej Puja और Vrat Vidhi सही समय पर करनी चाहिए।

हरतालिका तीज की कथा

Teej Katha के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। कई वर्षों तक कठिन तपस्या के बाद भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस घटना की स्मृति में हरतालिका तीज व्रत का प्रचलन हुआ।

कथा का महत्व:

  • यह कथा बताती है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थना हमेशा स्वीकार होती है।
  • विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।
  • अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए इसे रखती हैं।

हरतालिका तीज का महत्व

तीज पर्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, हाथों में मेहंदी लगाती हैं और श्रृंगार करती हैं।

महत्व के प्रमुख कारण:

  • पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत विशेष फलदायी माना जाता है।
  • परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  • यह व्रत महिला की मानसिक और आत्मिक शक्ति को भी मजबूत करता है।

हरतालिका तीज व्रत विधि

पूजा विधि सही तरीके से करना बहुत जरूरी है ताकि व्रत का पूरा फल प्राप्त हो। पूजा विधि के मुख्य चरण:

  1. प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
  2. शिव-पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें और सजाएं।
  4. 16 श्रृंगार की वस्तुएं माता पार्वती को अर्पित करें।
  5. Teej Puja के दौरान मंत्रोच्चारण करें।
  6. व्रत कथा (Teej Katha) पढ़ें और सुनें।
  7. रात्रि जागरण करें और अगले दिन पारण करें।

 हरतालिका तीज पूजा सामग्री

  • शिव-पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा
  • गंगाजल
  • रोली, हल्दी, चावल
  • फूल और बेलपत्र
  • फल और मिठाई
  • मेहंदी और श्रृंगार सामग्री

हरतालिका तीज व्रत कब रखें

  • व्रत निर्जला रखना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर फलाहार लिया जा सकता है।
  • व्रत के दौरान झूठ बोलने और नकारात्मक विचारों से बचें।
  • पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करना चाहिए।

बुलेट पॉइंट्स में व्रत का महत्व

  • यह व्रत पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है।
  • अविवाहित कन्याएं योग्य वर की प्राप्ति के लिए इसे करती हैं।
  • तीज पर्व के दिन महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर उत्सव का आनंद लेती हैं।

 हरतालिका तीज की कथा और महत्व

यह कथा माता पार्वती की श्रद्धा और संकल्प की शक्ति को दर्शाती है। इस व्रत का पालन करने से न केवल धार्मिक पुण्य मिलता है बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है।

हरतालिका तीज पारण समय

व्रत का पारण 27 अगस्त 2025 को सूर्योदय के बाद किया जाएगा। पारण से पहले भगवान शिव-पार्वती को भोग लगाना और मंत्रोच्चारण करना अनिवार्य है।

हरतालिका तीज की पूजा कैसे करें

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • व्रत का संकल्प लें और पूजा सामग्री तैयार करें।
  • भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  • अंत में व्रत कथा पढ़ें।

हरतालिका तीज 2025 का व्रत इस बार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें चार शुभ योग आ रहे हैं – सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग, शोभन योग और सुकर्मा योग। इन योगों का संयोग व्रत के पुण्य और फल को कई गुना बढ़ा देता है। यह पर्व केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

महिलाएं इस दिन व्रत उपवास भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं, जो केवल पति की लंबी उम्र और अखंड स्वर के लिए नहीं बल्कि जीवन में शांति और समृद्धि के लिए भी जाती हैं। हरतालिका तीज 2025 तारीख और समय के अनुसार सही समय पर तीज पूजा, व्रत विधि और तीज कथा का पालन करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

इस व्रत को सफल बनाने के लिए सही शुभ अभिषेक, पूजा विधि, कथा और पारण समय का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। यदि आप पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ इस व्रत का पालन करते हैं, तो यह निश्चित है कि आपके जीवन में सुख-शांति और शिक्षा का सौभाग्य है।