गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है बल्कि यह भक्ति, विश्वास और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम भी है। गणेशजी को विघ्नहर्ता और सिद्धि विनायक कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के जीवन से हर प्रकार के विघ्न-बाधाओं को दूर कर सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
2025 की गणेश चतुर्थी विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह संकष्टी चतुर्थी और व्रत की गहराई से जुड़ी हुई है। इस बार यदि सही पूजा विधि, उचित शुभ मुहूर्त और विशेष उपाय किए जाएं, तो जीवन में धन-धान्य, शांति और मनोकामना सिद्धि निश्चित रूप से प्राप्त होती है।
आइए जानते हैं विस्तार से कि गणेश चतुर्थी 2025 पर कौन से 11 खास उपाय करने से आपके घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होगा।
संकष्टी चतुर्थी 2025 उपाय
गणेश चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी का आपस में गहरा संबंध है। शास्त्रों के अनुसार संकष्टी का अर्थ है – “संकटों से मुक्ति दिलाने वाली तिथि”। इस दिन यदि व्रत और पूजन सही विधि से किया जाए तो यह जीवन से सारे संकटों और कष्टों को दूर करता है।
-
इस दिन व्रत करने से पाप नष्ट होते हैं।
-
संध्या के समय चंद्र दर्शन और चंद्रोदय के बाद व्रत पारण करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
-
संकष्टी चतुर्थी पर विशेष रूप से दूर्वा और मोदक का भोग लगाना चाहिए, यह उपाय सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र
पूजा विधि
-
प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
-
पूजा स्थल को पवित्र करके भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
-
धूप, दीप, पुष्प, दूर्वा, मोदक और सिंदूर से पूजन करें।
-
मंत्र – “ॐ गं गणपतये नमः” का कम से कम 108 बार जप करें।
-
शाम को चंद्रमा उदय होने पर अर्घ्य अर्पित कर व्रत पारण करें।
शुभ मुहूर्त (2025)
तिथि | समय | महत्व |
---|---|---|
गणेश चतुर्थी व्रत | सुबह 6:00 से 8:30 बजे | व्रत का शुभारंभ |
संकष्टी चतुर्थी पूजन | शाम 5:30 से रात 8:00 बजे | संध्या पूजन |
चंद्रोदय | रात 9:05 बजे | व्रत पारण |
यह तालिका भक्तों को सही समय पर पूजा और व्रत करने में मदद करेगी।
संकष्टी चतुर्थी के उपाय विघ्न बाधाओं को दूर, धन-धान्य की प्राप्ति
गणेशजी का पूजन केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं बल्कि वास्तु और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है।
कुछ खास उपाय इस प्रकार हैं –
-
भगवान गणेश को 21 दूर्वा अर्पित करें।
-
लाल वस्त्र और सिंदूर से गणेशजी का श्रृंगार करें।
-
घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में गणेशजी की तस्वीर लगाएँ।
-
संध्या समय दीपक अवश्य जलाएँ।
इन उपायों से जीवन की विघ्न बाधाएँ दूर होती हैं और घर में धन-धान्य व सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
विकट संकष्टी चतुर्थी पर राशि अनुसार उपाय करें
ज्योतिष के अनुसार हर राशि के जातकों के लिए अलग-अलग उपाय बताए गए हैं। इन्हें करने से व्यक्ति विशेष लाभ प्राप्त करता है।
-
मेष राशि – गणेशजी को गुड़ और चना अर्पित करें।
-
वृषभ राशि – पीले फूल चढ़ाएँ।
-
मिथुन राशि – हरे वस्त्र में लपेटकर मोदक अर्पित करें।
-
कर्क राशि – दूर्वा और दूध का भोग लगाएँ।
-
सिंह राशि – लाल फूल और नारियल अर्पित करें।
-
कन्या राशि – हरे फल चढ़ाएँ और गणेश मंत्र का जप करें।
ऐसे उपाय करने से जातक की राशि अनुसार विघ्न दूर होते हैं और भाग्य की वृद्धि होती है।
पूजा विधि, मंत्र, चंद्र दर्शन समय
संध्या समय गणेशजी का पूजन करने के बाद चंद्र दर्शन करना अत्यंत शुभ माना गया है।
-
पूजा के समय “ॐ विघ्नेश्वराय नमः” मंत्र का जाप करें।
-
चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें।
-
उसके पश्चात व्रत पारण करें।
इससे जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामना पूरी होती है।
कब है विकट संकष्टी चतुर्थी – डेट, पूजा विधि, मुहूर्त
-
तिथि: 27 अप्रैल 2025
-
शुभ मुहूर्त: प्रातः 7:00 बजे से प्रारंभ
-
चंद्रोदय समय: रात 9:05 बजे
-
व्रत पारण: चंद्रोदय के बाद
आज विकट संकष्टी चतुर्थी का चांद कितने बजे दिखेगा?
2025 में विकट संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा रात 9:05 बजे उदित होगा।
इस समय चंद्र दर्शन करने और अर्घ्य अर्पित करने से सभी विघ्न नष्ट होते हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
गणेश चतुर्थी 2025 पर 11 खास उपाय
अब जानते हैं वो 11 खास उपाय जो जीवन में समृद्धि और सफलता का मार्ग खोलते हैं:
-
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें
-
शास्त्रों में कहा गया है कि ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं। इस समय व्रत का संकल्प लेने से पूजा अधिक फलदायी होती है।
-
-
गणेशजी को दूर्वा और लाल फूल अर्पित करें
-
दूर्वा भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है। 21 दूर्वा और लाल फूल चढ़ाने से विघ्न दूर होते हैं।
-
-
पूजा विधि से मंत्र जप करें
-
सही विधि से “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जप करने से सफलता और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
-
-
संकष्टी चतुर्थी के दिन उपवास करें
-
उपवास करने से शरीर और मन दोनों पवित्र रहते हैं। यह साधना आत्मिक शांति देती है।
-
-
चंद्रोदय होने तक व्रत रखें और चंद्र दर्शन के बाद पारण करें
-
चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रत पारण करने से परिवार में सुख-शांति आती है।
-
-
भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएँ
-
मोदक गणेशजी का प्रिय भोग है। इसे अर्पित करने से धन-धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
-
-
घर में दीपक जलाएँ और आरती करें
-
दीपक से घर का वातावरण पवित्र होता है और आरती करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
-
-
गणेशजी के मंत्रों का जप कर विघ्न दूर करें
-
मंत्रजप से मानसिक शांति मिलती है और जीवन की सभी रुकावटें दूर होती हैं।
-
-
जरूरतमंद को अन्न और वस्त्र दान करें
-
दान पुण्य का सबसे बड़ा साधन है। यह करने से पितरों की कृपा और भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
-
-
घर के उत्तर-पूर्व कोने में गणेशजी की तस्वीर रखें
-
वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोण में गणेशजी की तस्वीर रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
-
-
परिवार सहित गणेश चालीसा का पाठ करें
-
सामूहिक रूप से गणेश चालीसा का पाठ करने से घर में शांति और प्रेम बना रहता है।
-
गणेश चतुर्थी पर लाभ (बुलेट पॉइंट्स को विस्तार से)
-
धन-धान्य की प्राप्ति होती है – गणेशजी की पूजा से घर में कभी धन की कमी नहीं रहती और आर्थिक समृद्धि बनी रहती है।
-
घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है – परिवार के बीच आपसी प्रेम और मेलजोल बढ़ता है।
-
सभी विघ्न और कष्ट दूर होते हैं – भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, उनकी कृपा से जीवन की सभी परेशानियाँ खत्म हो जाती हैं।
-
करियर और व्यापार में सफलता मिलती है – जो लोग नौकरी या बिज़नेस में बाधा झेल रहे हैं, उनके लिए यह पूजा बेहद लाभकारी है।
-
मनोकामना पूरी होती है – यदि सच्चे मन से गणेशजी की पूजा की जाए तो हर इच्छा और लक्ष्य पूरा होता है।
निष्कर्ष
गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि जीवन को सकारात्मकता, शांति और समृद्धि की ओर ले जाने का अद्भुत अवसर है। यदि इस दिन सही पूजा विधि, सही व्रत नियम और बताए गए 11 खास उपाय किए जाएं तो जीवन की हर समस्या दूर होती है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
गणपति बप्पा मोरया! मंगल मूर्ति मोरया!